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History of Bihar in Hindi | बिहार का इतिहास हिंदी में

History Of Bihar in Hindi आज की इस पोस्ट में हम बिहार के इतिहास के बारे में जानेंगे, क्योंकि इससे सम्बंधित कुछ सवाल तकरीबन सभी परीक्षा में आता है. तो  जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए.

History of Bihar in Hindi बिहार का इतिहास हिंदी में

क्यों पड़ा बिहार नाम ?

बिहार इतिहास के लिए प्रसिद्ध है बिहार का इतिहास अपने अंदर महान संतों और ज्ञानियों की कथा समेटे हुए है इस जगह का नाम बिहार क्यों है इसका एक ऐतिहासिक कारण है इस जगह पर सभी साधु संत लोक विहार करने आते थे उसी कारण से इस जगह का नाम बिहार पड़ा.

आज बिहार की साक्षरता भले ही अन्य राज्यों से कम है पर बिहार का इतिहास ऐसा बिल्कुल भी नहीं था, यहां तक कि बिहार एक ऐसा स्थान था जहां भारत की पुरानी विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय यही पर था.

बिहार की धरती पर ही गौतम बुध ने जन्म लिया यहीं पर जन्मे चाणक्य, आर्यभट्ट जैसे महान विद्वान ने अपनी विद्या और ज्ञान से पूरे भारत देश को एक सही मार्ग पर चलना सिखाया.

जिस समय में आम लोग शिक्षा को अपने जीवन में समाहित होने महत्व नहीं देते थे उस समय बिहार के पाटलिपुत्र नगर शिक्षा का केंद्र हुआ करता था दोस्तों बिहार का इतिहास सम्राट अशोक अजातशत्रु आदी के जन्म से जुड़ा है.

आज भी यहां के बच्चे भारत की सबसे बड़ी परीक्षाओं में अपना स्थान बनाते हैं और नौकरी पाकर साबित कर देते हैं कि बिहार का इतिहास कल भी सुनहरे अक्षरों में लिखा गया था और आज भी ऐसे ही लिखा जाएगा.

सब जानते हैं कि बिहार के लोग अपनी बुद्धि का लोहा पूरे विश्व में मनवा चुके हैं पर यहां कुछ पिछड़े इलाके भी है जो धीरे-धीरे विकसित हो रहे हैं यहां का इतिहास का विवरण आदिकाल से पूरे भारत में प्रसिद्ध है.

किस काल में बिहार का क्या इतिहास रहा ?

अब जानते हैं किस काल में बिहार का क्या इतिहास रहा, बिहार का इतिहास आदिकाल से भी पुराना है, ऐसा माना गया है कि आदिकाल के पुराने ग्रंथों में बिहार के कई क्षेत्र का विवरण मिलता है जिसमें पाटलीपुत्र, मिथिला, मगध आदि शामिल है.

सबसे पहले हम बात करते हैं भगवान श्री राम के काल की ऐसा माना जाता है कि माता सीता जो श्री राम की पत्नी थी उनका जन्म बिहार के सीतामढ़ी जिले में हुआ था.

माता सीता का जन्म बिहार के सीतामढ़ी जिले में हुआ था

आगे काल में बिहार में 563 ईसवी पूर्व जब गौतम बुध का जन्म हुआ (अब वह क्षेत्र नेपाल में पड़ता है) एवं 35 वर्ष की आयु में उन्हें बिहार के बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई.

उस समय बिहार एक गणतंत्र राज्य था, इस काल में 1000 वर्षों तक बिहार पूरे भारत में संस्कृति और शिक्षा का एकमात्र केंद्र था, यहां पर अजातशत्रु बिम्बिसार जैसे राजा थे जिन्होंने पूरे मगध पर शासन किया।

आगे चल कर मगध इतना शक्तिशाली राज्य बन गया की इसकी सीमाएं नंद नगर से लेकर पंजाब तक अपना साम्राज्य फैला दिया था, बाद में यह सम्राट मौर्य साम्राज्य के हाथ में चला गया जिन्होंने मगध को अपने शासन केंद्र बनाए रखा.

यहाँ अशोक जैसे महान सम्राट का जन्म हुआ जिनकी वीरता पूरे विश्व में विख्यात है.

Medieval history of Bihar

अब हम बात करते हैं बिहार के मध्यकाल की, मध्यकाल बिहार के लिए अच्छा नहीं था क्योंकि उस समय यहां मुगलों का शासन था इसके 12 वीं सदी में ना जाने कितने बौद्ध भिक्षुयों का नरसंहार किया और कई विश्वविद्यालयों को नष्ट किया.

उसके बाद महान शासक शेरशाह सूरी ने जब यहाँ अपना राज्य स्थापित किया तब उन्होंने पटना को एक नया जीवन देने के लिए इसे अपना मुख्यालय बनाया.

जब मुगलो की शक्ति धीरे-धीरे क्षीण होने लगी तब यहाँ बंगाल के नवाब ने यहाँ का शासन संभाला, जिन्होंने यहां की जनता से बहुत कर्ज बसूला इसलिए यह काल बिहार के लिए अच्छा नहीं रहा.

History of Bihar in British Empire

आगे हम बात करते हैं बिहार के ब्रिटिश सम्राज्य काल के बारे में. बक्सर की लड़ाई के बाद भागदौड़ ब्रिटिश साम्राज्य के हाथों में चला गया उन्होंने पटना को व्यापारिक केंद्र बनाया था बंगाल प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश राज प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश राज्य का हिस्सा बने और बिहार और उड़ीसा एक अलग प्रांत बन गया.

इसके बाद पटना नए राज्य की राजधानी के रूप में उभरा, ब्रिटिश साम्राज्य में बिहार में बहुत सारे अच्छे कार्य भी किये गए, अंग्रेजों ने पटना में कई कॉलेज बनवाए जिसमें पटना कॉलेज, पटना विज्ञान कॉलेज, बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज, और बिहार पशु चिकित्सा कॉलेज जैसे कई शैक्षणिक संस्थानों आती है.

1935 में बिहार और उड़ीसा के अलग राज्य में पुनर्गठन किया गया पटना ब्रिटिश राज्य में बिहार की राजधानी के रूप में ही रहा.

दोस्तों इस समय जब 1942 में महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो और असहयोग आंदोलन चलाए तो उसमें भी यहां के लोग बढ़-चढ़कर भाग लिया और 1946 में बिहार की पहली कैबिनेट बनी जिसमें श्री कृष्ण सिंह प्रथम मुख्यमंत्री बने और अनुग्रह नारायण सिन्हा प्रथम उपमुख्यमंत्री बने.

बिहार में शिक्षा, अर्थव्यवस्था, रहन सहन और व्यवसाय

अब हम बिहार से जुड़े कुछ तथ्य जैसे शिक्षा अर्थव्यवस्था भाषा और संस्कृति के बारे में जानेंगे. शिक्षा की बात करें तो, वैसे तो इतिहास में बिहार शिक्षा का केंद्र हुआ करता था पर बीच में यहां की स्थिति ऐसी हो गई थी कि यहां शिक्षा में भारी गिरावट आई और अब फिर से इसमें धीरे-धीरे सुधर आने लगी है.

BIHAR MAP BY JOBSBIHAR.COM

यहाँ प्राथमिक विद्यालय मध्य विद्यालय, अन्य विद्यालय में सुधार आ रहे हैं और यहां कई महाविद्यालय और रिसर्च सेंटर खोले गए हैं आशा है कि बिहार का शिक्षा स्तर अब धीरे-धीरे सुधर जाएगा.

अब बात करते हैं अर्थव्यवस्था के बारे में, यहाँ पर कृषि एकमात्र साधन है जिससे यहां के अधिकांश लोग अपना जीवन चलाते हैं इसके अलावा यहां कई उद्योग केंद्र भी है जैसे बंदूक कारखाना, सिगरेट कारखाना, जैसे बहुत सारे कारख़ाने खोले गए हैं.

आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल “History of Bihar in Hindi | बिहार का इतिहास हिंदी में” आपको बेहद पसंद आया होगा. यदि आपके पास भी कुछ जानकारी है जो हमने ऊपर आर्टिकल में नहीं लिखा है या हमसे छुट गया है तो आप उस जानकारी को निचे Comment Box में हमें लिख कर बता सकते है.

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