नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करेंगे हर्यक वंश केे शासन काल बारे में, यहाँ हम आपको हर्यक वंश के कुछ बड़े राजा और उनकी जानकारी देंगे.
हर्यक वंश सबसे पहला वंश है जिसने मगध साम्राज्य पर शासन किया, इस वंश के शासक बिम्बिसार था.
बिम्बिसार का शासन काल.
बिम्बिसार (544 – 492) : बिंबिसार का शासनकाल 544 ईसा पूर्व से 492 ईसा पूर्व तक था. यह हर्यक वंश का संस्थापक था तथा महात्मा बुद्ध का मित्र एवं संरक्षक था.
बिम्बिसार 15 वर्ष की आयु में गद्दी पर बैठा था, बिम्बिसार ने अपनी राजधानी राजगिरी बनाया था.
उन्होंने विजय एवं विस्तार की नीति अपनाई थी. बिम्बिसार को श्रेणिक भी कहा जाता है, इसका अर्थ है सेना रखने वाला..
इसने वैवाहिक संबंधों से अपनी स्थिति को पश्चिम एवं उत्तर की ओर फैलाया था.
बिम्बिसार ने 3 शादियां की थी.
1. बिम्बिसार की पहली पत्नी का नाम कोसला देवी था यह कौशल राज की राजकुमारी थी शादी में दहेज के रूप में काशी का क्षेत्र मिला था.
2. बिम्बिसार की दूसरी पत्नी का नाम चेल्लना था, यह लिच्छवी की राजकुमारी थी और चेतक की पुत्री थी लिच्छवी ने ही अजातशत्रु को जन्म दिया.
3. तीसरी पत्नी झेमा थी, यह मद्र की राजकुमारी थी, बिम्बिसार ने अंग के शासक बृहद्रथ की हत्या करके मगध में मिला दिया था.
अवंती नरेश चंडप्रद्योत से बिंबिसार ने युद्ध किया पर बाद में यह दोनों मित्र हो गए. जब चंडप्रद्योत को पीलिया रोग हुआ था तो बिंबिसार ने अपने राजवैद्य जिनका नाम जीवक था उनको अवंती भेजा था.
बिंबिसार की हत्या उनके ही पुत्र अजातशत्रु ने किया था, अजातशत्रु जो बिंबिसार की दूसरी पत्नी लिच्छवी की राजकुमारी चेल्लना का पुत्र था.
अजातशत्रु का शासन काल.
अजातशत्रु ने 492 ईसा पूर्व से 460 ईसा पूर्व तक शासन किया. इसे कुनिक भी कहा जाता है.
वह बौद्ध एवं जैन दोनों धर्म को मानता था उसके ही शासनकाल में राजगृह में प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था.
अजातशत्रु ने कोशल एवं वैशाली को जीत कर मगध में मिलाया था. वैशाली के युद्ध में अजातशत्रु ने महाशिलांकट एवं रथमुसल जैसे हथियारों का उपयोग किया था.
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इस युद्ध के बाद अवंती के खतरों का सामना करने के लिए राजगीर में किलेबंदी करवाई थी.
उदयनी का शासन काल.
अजातशत्रु के बाद उदयन ने मगध की गद्दी संभाली थी, उदयनी ने मगध पर 460 ईसा पूर्व से 444 साल पूर्व तक शासन किया.
उदयन ने पहली बार पाटलिपुत्र में मगध की राजधानी स्थापित की, हर्यक वंश का अंतिम शासक नागदशक था जिसे शिशुनाग वंश के संस्थापक शिशुनाग ने मार कर शिशुनाग वंश का स्थापना किया था.
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