DGP Gupteshwar Pande Biography in Hindi : आज हम बात करेंगे बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडे के बारे में बिहार सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे को बिहार का नए पुलिस महानिदेशक डीजीपी बनाया है |
गुप्तेश्वर पांडे पूर्व डीजीपी एस त्रिवेदी की जगह लिए हैं, बिहार कैडर के 1987 बैच के आईपीएस गुप्तेश्वर पांडे को लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के डीजीपी बनाए गए थे.
बिहार के सुनहरे छवि वाले गुप्तेश्वर पांडे औरंगाबाद, बेगूसराय, जहानाबाद, अरवल में SP रहे और इस दौरान उन्होंने उस जमाने के बड़े-बड़े शातिर क्रिमिनल को सर्च ऑपरेशन चलाकर मार गिराया या जेल में पहुंचा दिया.
साहित्य और संगीत के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले गुप्तेश्वर पांडे मुंगेर, मुजफ्फरपुर के डीआईजी भी रहे हैं, बाद में वे मुजफ्फरपुर में IG भी बने.
फिलहाल उनके पास DG Training, DG Police Academy की जिम्मेदारी दी गयी थी. उसके साथ ही मुजफ्फरपुर और दरभंगा जोन का आईजी होने के साथ एडीजी मुख्यालय एडीजी तंतु और एडीजी बीएमपी भी रहे.
गुप्तेश्वर पांडे को आम जनमानस के अलावा सरकार की नजर में अपराध नियंत्रण और कड़क प्रशासक के साथ ही विशेष और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं.
DGP गुप्तेश्वर पांडे का बचपन से जवानी तक का सफ़र
गुप्तेश्वर पांडे का जन्म 1961 में हुआ था 12वीं की कक्षा में प्रथम श्रेणी से पास होने के बाद पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया.
1986 में आईआरएस बने इस वे इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे उन्होंने दुबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और आईपीएस बने.
आपकी सेवा में गुप्तेश्वर पांडे ASPS, SP, DIG, IGD के पद पर बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं उन्होंने 1993 में बेगूसराय और 1996 में बिहार के जहानाबाद में अपराध रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की थी.
गुप्तेश्वर पांडे पहले ही साफ कर चुके हैं कि अपराध पर नकेल कसना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. ये अपने क्षेत्र में काम में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की भी अच्छी खबर लेते हैं.
बिहार में शराबबंदी को भी सख्ती से लागू करने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है, नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्ण शराबबंदी को पूरा करने में मदद के लिए गुप्तेश्वर पांडे द्वारा नशा मुक्ति और शराबबंदी को लेकर हाल के दिनों में चलाए गए अभियान की वजह से वे काफी चर्चा में भी रहे थे.
राज्य के कई इलाकों में परिस्थितियों के बेकाबू होने के बाद बिहार सरकार द्वारा गुप्तेश्वर पांडे को वहां की स्थिति संभालने के लिए भेजा जाता है और खास बात यह है कि उनके जाने के बाद स्थितियां नियंत्रण में हो जाती है.
सूबे में कहीं भी इस तरह के तनाव की खबरें मिलने के बाद उन्हें स्थिति को नियंत्रण करने के लिए भेजा जाता रहा है बिहार में विशेष और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए गुप्तेश्वर पांडे को जाना जाता है.
बिहार के किसी भी जिले में हिंसक झड़प और तनाव का माहौल पैदा हो जाने के बाद वहां की स्थिति को संभालने के लिए गुप्तेश्वर पांडे को याद किया जाता है.
इससे पूर्व भी सरकार के लिए कई बार संकटमोचक साबित हो चुके वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डीजी गुप्तेश्वर पांडे का अपनी पूरा सेवा अवधि में अधिकांश समय पुलिस इस तरह के गतिविधियों को नियंत्रण करने में ही बिता है.
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जानकारी के मुताबिक चतरा, बेगूसराय, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, हजारीबाग और नालंदा जैसी जिलों में इनकी पुलिस कप्तानी को लोग आज भी याद करते हैं.
उसके बाद ये मुंगेर, बेतिया, मुजफ्फरपुर में डीआईजी रहे और वहां जमकर सोशल इंजीनियरिंग के साथ स्मार्ट पुलिसिंग को अंजाम दिया खासकर विधि व्यवस्था संभालने के मामले में इनकी कोई सानी नहीं है मोतिहारी के तुरकौलिया सुगौली रामगढ़वा से लेकर सीतामढ़ी शिवहर दरभंगा छपरा सिवान कटिहार और वैशाली के हालातों को सुधारने में एक योगदान रहा है, यानी जब-जब भीषण सांप्रदायिक तनाव का माहौल उत्पन्न हुआ.
ऐसी स्थिति को काबू में करने के लिए बिहार सरकार ने इन्हें जिम्मेदारी सौपी है, इन परिस्थितियों में भी गुप्तेश्वर पांडे के घटनास्थल पर पहुंचते ही स्थिति काबू में हुई और सरकार ने राहत की सांस ली औरंगाबाद और कटिहार में सांप्रदायिक माहौल खराब होने पर इन्हें भेजा गया था और वह वहां इस स्थिति को संभालने में कामयाब रहे थे.
डीजीपी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पुलिस का काम अपराध नियंत्रण विधि व्यवस्था बनाए रखना है इसके साथ ही वह यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार की अपेक्षा पर खरे उतरने का प्रयास करेंगे मेरे कार्यालय के दौरान अगर कोई उपलब्धि मिलेगी तो वह सिर्फ मेरी नहीं होगी पूरे पुलिस विभाग की उपलब्धि होगी.
जनता के सहयोग और समर्थन के बल पर हम अच्छा काम करेंगे जो भी चुनौती आती है उसे हम सब मिलकर उसका सामना करेंगे ऐसा वे अपने Facebook live और मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बात चुके हैं.
वहीं अगर बात करें तो गुप्तेश्वर पांडे कभी भी किसी भी जिला में या किसी भी थाना में रात 1:00 बजे भी चेकिंग में चले जाते हैं जिससे कि आए दिन पुलिस अधिकारी सहित अन्य पुलिस महकमें की क्लास लगती रहती है.
बिहार के नए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने जब से ज्वाइन किया है तब से ही वे बिहार के बेहतर पुलिसिंग की कोशिश में लगे हुए हैं अब आगे क्या बिहार की स्थिति रहती है यह देखने वाली बात है.
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DGP Gupteshwar Pandey Bihar Contact
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